Monday 9 December 2013

सम्मान से मनाया जायेगा महान योद्धा वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस

10 दिसम्बर के ही दिन भरे चौक में दिया गया था सरेआम मृत्यु दण्ड 
रायपुर: 09 दिसंबर 2013: (छत्तीसगढ़ मेल)::
जीत  भी लगातार तीसरी बार-----इस तरह की जीत के जश्न में लोग अक्सर बहुत कुछ भूल जाते हैं लेकन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह देश की अज़ादी के लिए शहीद होने वाले वीर नारायण सिंह  भूले। उन्होंने ने कल दस दिसम्बर को छत्तीसगढ़ के महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीरनारायण सिंह के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने उनके शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर आज यहां जनता के नाम जारी संदेश में कहा है कि सोनाखान के महान योद्धा वीर नारायण सिंह भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी के अनमोल रत्नों में से थे, जिन्होंने सन 1856 के भयानक अकाल के समय गांव, गरीब और किसानों के दर्द को महसूस कर सोनाखान क्षेत्र की पीड़ित जनता की मदद के लिए एक सम्पन्न व्यापारी 
स्केच देशबंधू से साभार
के अनाज भण्डार को खुलवाकर गरीबों में अनाज का वितरण करवाया था। अपनी माटी के मान-मर्यादा की रक्षा तथा वहां रहने वाले लोगों की खुशहाली के लिए छत्तीसगढ़ के शहीद वीर नारायण सिंह का योगदान अविस्मरणीय है। ऐसे वीर सपूत के त्याग, संघर्ष व बलिदान को आत्मसात करते हुए शासन सभी वर्गो के उत्थान सहित चहुंमुखी विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वीर नारायण सिंह ने छत्तीसगढ़ में प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का शंखनाद किया और देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। डॉ. सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में वीरनारायण सिंह का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है, जो देश और दुनिया को युगों-युगों तक सामाजिक न्याय, समानता और स्वतंत्रता के महत्व की याद दिलाता रहेगा। ज्ञातव्य है कि अमर शहीद वीर नारायण सिंह को अंग्रेज हुकुमत ने दस दिसम्बर 1857 को राजधानी रायपुर के वर्तमान जयस्तंभ चौक पर सार्वजनिक रूप से मृत्यु दण्ड दिया था। वीर नारायण सिंह देश की आजादी के लिए शहीद हुए। 

No comments:

Post a Comment