Tuesday 8 August 2023

अनुशासन भंग आरोप में सुखरंजन नंदी माकपा से निष्कासित

Tuesday 8th August 2023 at 7:43 PM

छत्तीसगढ़ की वाम सियासत में फिर लिया गया सख्त एक्शन 

रायपुर> 8 अगस्त 2023> छत्तीसगढ़ मेल ब्यूरो>>

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की छत्तीसगढ़ राज्य समिति ने पार्टी के पूर्व राज्य समिति सदस्य सुखरंजन नंदी को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी राज्य समिति के इस फैसले का अनुमोदन पार्टी की केंद्रीय समिति ने भी कर दिया है।

माकपा राज्य सचिव एम के नंदी ने मीडिया को दी जानकारी में बताया है कि सुखरंजन नंदी पर पार्टी के अंदर गुटबाजी करने, जन संगठनों के समानांतर गतिविधियां आयोजित करने, सोशल मीडिया में पार्टी व नेतृत्व के खिलाफ दुष्प्रचार करने और संगठन का अनुशासन भंग करने का आरोप था। इन आरोपों को राज्य समिति ने सही पाया।

माकपा से निष्कासन के पश्चात भी सुखरंजन नंदी पार्टी नेता के रूप में बयान दे रहे हैं, जिसके लिए अब वे अधिकृत नहीं है। पार्टी ने इसकी आलोचना करते हुए मीडिया को स्पष्ट किया है कि अब सुखरंजन नंदी का माकपा से कोई संबंध नहीं है।

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Saturday 5 August 2023

छत्तीसगढ़ किसान सभा आंदोलन को तैयार

 Saturday: 5th  August 2023 at 8:48 PM

 11 को कुसमुंडा और 17 को गेवरा खदान-कार्यालय बंद का आह्वान

*कोल इंडिया के चेयरमैन को ज्ञापन सौंप भू-विस्थापितों की समस्याओं का निराकरण करने की मांग की


गेवरा (कोरबा): (छत्तीसगढ़): 5 अगस्त 2023: (कार्तिका सिंह//छत्तीसगढ़ मेल डेस्क):: 

सतर्क और जागरूक हुए किसानों का संघर्ष लगातार जारी है। दिल्ली मोर्चे पर सहमति बनने के बाद भी बहुत सी जगहों पर किसान अपनी मांगों को ले कर  निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। अब नए संघर्षों की खबरें आई हैं छत्तीसगढ़ से। वहां किसान पूरे जोश में हैं। 

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने आज कोल इंडिया के नए चेयरमैन पीएम प्रसाद को ज्ञापन सौंपकर भू-विस्थापितों की समस्याओं का निराकरण करने की मांग की है। किसान सभा ने 11 अगस्त को को कुसमुंडा और 17 अगस्त को गेवरा खदान-कार्यालय बंद करने के अपने आह्वान को पुनः दुहराया है।

उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में एसईसीएल के मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा, गेवरा और दीपका में रोजगार, बसावट तथा जमीन वापसी सहित मूलभूत सुविधाओं को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ मिलकर लगातार दो वर्षों से आंदोलनरत है। कोयला उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से चेयरमैन प्रसाद का इस प्रोजेक्ट में यह पहला दौरा था, जिसे एसईसीएल प्रबंधन ने सार्वजनिक नहीं किया था। लेकिन उनके दौरे की भनक लगते ही किसान सभा के नेतृत्व में गेवरा हाउस के सामने बड़ी संख्या में भू विस्थापित इकठ्ठा होकर दौरे का विरोध करने लगे। उनका कहना था कि कोयला उत्पादन बढ़ाने से पहले एसईसीएल प्रबंधन भू-विस्थापितों के समस्याओं का पहले निराकरण करें। भू-विस्थापितों बड़ी संख्या को देखते हुए सीआईएसएफ के जवानों ने गेस्ट हाउस के मुख्य द्वार को बंद कर दिया था। 

भू विस्थापितों के विरोध प्रदर्शन और कई बार खदान और कार्यालय के घेराव की जानकारी होते ही कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद और एसईसीएल के सीएमडी प्रेमसागर मिश्रा ने किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल को गेवरा हाउस में चर्चा के लिए बुलाया। किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में दीपक साहू, रेशम यादव, दामोदर श्याम, रघु यादव, जय कौशिक, सुमेन्द्र सिंह ठकराल, होरी, शिवदयाल कंवर, बसंत चौहान आदि शामिल थे। चेयरमैन प्रसाद ने गंभीरता से भू विस्थापितों की समस्याओं को सुना और जल्द निराकरण का आश्वासन दिया।

किसान सभा ने अपने ज्ञापन में इस तथ्य को रेखांकित किया है कि जिन किसानों ने 1978-2004 के बीच अपनी जमीन देकर देश-दुनिया को रोशन करने का काम किया है और कोरबा जिले को ऊर्जाधानी के रूप में पहचान दिलाई है, आज वही परिवार रोजगार के लिए भटक रहे हैं। किसान सभा ने मांग की है कि हर खाते पर सभी प्रभावितों को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए तथा खदान बंद हो जाने अथवा अनुपयोगी होने पर पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापस किया जाये। अपने ज्ञापन में किसान सभा ने पुनर्वास ग्रामों में बुनियादी सुविधाएं देने और भूविस्थापितों के बच्चो को निशुल्क शिक्षा और उनके परिवारों को एसईसीएल के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान किये जाने की भी मांग की है।

किसान सभा के सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि भू-विस्थापितों के सामने संघर्ष के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है और वे इन मांगों पर 11 अगस्त को कुसमुंडा और 17 अगस्त को गेवरा में खदान बंद और कार्यालयों का घेराव करने के अपने आह्वान पर डटे हुए हैं।

*छत्तीसगढ़ किसान सभा (CGKS)-अ. भा. किसान सभा - AIKS से संबद्ध हैं और जिला समिति कोरबा, छत्तीसगढ़ में सक्रिय है। 

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