Monday 15 January 2024

रोजगार के लिए कुसमुंडा जीएम कार्यालय पर ग्रामीणों ने किया कब्जा

Monday 15th January 2024 at 5:10 PM *छत्तीसगढ़ किसान सभा (CGKS)* AIKS से संबद्ध)* *जिला समिति कोरबा, छत्तीसगढ़*

 किसान सभा ने कहा:जारी रहेगा आंदोलन 


कोरबा
:15 जनवरी 2024: (*संजय पराते//छत्तीसगढ़ मेल)::

लंबित  रोजगार प्रकरणों को निराकृत करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में खनन प्रभावित ग्रामीणों ने आज कुसमुंडा जीएम कार्यालय के अंदर कब्जा कर लिया तथा धरना में बैठ गए। इस आंदोलन में महिलाएं भारी संख्या में शामिल हैं। आंदोलनकारी ग्रामीणों ने दोपहर का भोजन भी पंगत में बैठकर कार्यालय के अंदर ही किया। भू-विस्थापितों का कब्जा आंदोलन शुरू हो गया है। जीएम कार्यालय के अंदर गलियारे में ही भू-विस्थापितों ने पंगत में बैठकर भोजन किया। ग्रामीणों और भूविस्थापितों के इस तरह प्रदर्शन से कोयला प्रबंधन और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। आंदोलनकारियों को समझाने का काम चल रहा है, लेकिन वे कार्यालय छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि अब उन्हें आश्वासन नहीं, कार्यवाही चाहिए और प्रत्येक खातेदार को रोजगार मिलने तक ग्रामीण और भूविस्थापित कार्यालय के अंदर ही बैठे रहेंगे।
 
उल्लेखनीय है कि कोयला उत्खनन के लिए इस क्षेत्र में स्थाई नौकरी देने और बुनियादी मानवीय सुविधाओं के साथ पुनर्वास देने के वादे के साथ 40-50 वर्ष पहले हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था, लेकिन एसईसीएल ने यह वादा पूरा नहीं किया। तब से लेकर आज तक ग्रामीण रोजगार और पुनर्वास के लिए भटक रहे हैं। कुसमुंडा कार्यालय के सामने 800 दिनों से उनका अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है, खदान बंदी से लेकर चक्का जाम और कार्यालय बंदी तक कई जुझारू आंदोलन हुए हैं, लेकिन हर बार प्रबंधन द्वारा उन्हें आज या कल तक कार्यवाही का आश्वासन ही मिला है। 

किसान सभा नेता का कहना है कि जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है। सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्से को छीन लिया है। इसलिए जमीन के बदले पैसा और ठेका नहीं, छोटे-बड़े सभी खातेदार को स्थाई नौकरी देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है और इसके खिलाफ आंदोलन और तेज किया जाएगा।

भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव, रघु यादव, सुमेन्द्र सिंह कंवर ठकराल आदि ने कहा कि भू विस्थापितों को जमीन के बदले बिना किसी शर्त के रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। 

जीएम कार्यालय में घुसने से पहले आंदोलनकारियों ने दो घंटे तक खदान बंद रखा। मोहन यादव, बृजमोहन, जय कौशिक, दीननाथ, फिरत लाल, उत्तम दास, जितेंद्र, होरीलाल, अनिल बिंझवार, हेमलाल, हरिहर पटेल, कृष्णा, फणींद्र, अनिरुद्ध, चंद्रशेखर, गणेश, सनत आदि इसका नेतृृत्व कर रहे थे।

देर शाम को इन पंक्तियों के लिखे जाने तक कोयला प्रबंधन के साथ दो दौर की वार्ता विफल हो चुकी है और आंदोलनकारी बिलासपुर से उच्चाधिकारियों को बुलाने और लिखित में समझौता करने की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान सभा की अगुआई में जीएम कार्यालय पर ग्रामीणों का कब्जा बना हुआ है और रात के खाने की तैयारी चल रही है।

इस प्रेस विज्ञप्ति को छत्तीसगढ़ किसान सभा, कोरबा अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा ने जारी किया। 

*संजय पराते छत्तीसगढ़ के सक्रिय और जुझारू कार्यकर्ता होने के साथ साथ वाम नज़रिए से पैनी नज़र रखने वाले पत्रकार भी हैं। 

Tuesday 3 October 2023

किसान विरोधी नीतियों चलते किसान फिर केंद्र सरकार से हुए नाराज़

Monday 2nd October 2023 at 10:29 PM 

राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ भी किसानों का रोष तीखा हुआ 

*गांधी जयंती पर 10 संगठनों के सैकड़ों किसानों ने 30 किमी. की पदयात्रा की

*गांधी प्रतिमा पर न्याय के लिए संघर्ष तेज करने का लिया संकल्प भी दोहराया 


रायपुर: 2 अक्तूबर 2023: (छत्तीसगढ़ मेल डेस्क)::

महात्मा गांधी की हत्या करने वाली विचारधारा को मानने वालों ने कभी सोचा न होगा कि शहादत के 75 बरस बाद भी महात्मा गांधी जी के विचार देश के जन आंदोलनों को तेज़ करने में अहम भूमिका निभाएंगे। 

*किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 10 संगठनों के सैकड़ों किसानों ने 30 किमी. की पदयात्रा की, गांधी प्रतिमा पर न्याय के लिए संघर्ष तेज करने का लिया संकल्प*

केन्द्र की भाजपा सरकार की किसान व विरोधी नीतियों और राज्य की कांग्रेस सरकार की किसानों से वादाखिलाफी से आक्रोशित सैकड़ों किसानों ने आज संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर नई राजधानी से आजाद चौक तक 30 किमी. की पदयात्रा की तथा गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करके न्याय के लिए किसानों के संघर्ष को तेज करने का संकल्प लिया।

उल्लेखनीय है कि पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर पर किसानों का साझा आंदोलन विकसित हो रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सकल लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का कानून बनाने, किसानों को पूरी तरह कर्जमुक्त करने की केंद्रीय मांग के साथ ही राज्य के किसानों की ज्वलंत समस्याओं पर किसानों को संगठित करके एक व्यापक आंदोलन छेड़ने जा रहा है। रायपुर में आज किसान मोर्चा की इस पदयात्रा के जरिये नई राजधानी से प्रभावित किसानों की पुनर्वास तथा रोजगार से जुड़ी मांगों को पूरा करने के साथ ही पिछली भाजपा सरकार द्वारा दो साल के रोके गए बोनस का भुगतान करने की मांग की गई है।

संयुक्त किसान मोर्चा की विज्ञप्ति के अनुसार इस पदयात्रा में छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, नई राजधानी प्रभावित किसान संघर्ष समिति, जिला किसान संघ राजनांदगांव तथा बालोद, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, छमुमो (मजदूर-किसान कार्यकर्ता समिति), क्रांतिकारी किसान सभा, किसान महासभा, भारतीय किसान यूनियन, मजदूर-किसान महासंघ बिलासपुर, हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति तथा अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा आदि संगठनों के सैकड़ों किसानों ने नई राजधानी से रायपुर में आजाद चौक स्थित गांधी प्रतिमा तक पदयात्रा की। इस पदयात्रा का नेतृत्व रूपन चंद्राकर, कामता प्रसाद रात्रे, सुदेश टीकम, रमाकांत बंजारे, गेंद सिंह ठाकुर, पूर्व विधायक जनकलाल ठाकुर, कलादास डहरिया, सौरा यादव, तुहिन देव, हेमंत टंडन, नरोत्तम शर्मा, श्याम मूरत कौशिक, आलोक शुक्ला तथा संजय पराते ने आदि ने किया।

पदयात्रा से पूर्व ग्राम चीचा तथा समापन स्थल गांधी प्रतिमा पर हुई संक्षिप्त सभा में वक्ताओं ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गांधीजी ने गोरे अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। आज लड़ाई उन काले चोरों और कॉर्पोरेटपरस्त सरकार के खिलाफ है, जो जल, जंगल, जमीन, खनिज और प्राकृतिक संसाधनों को लूटने के लिए किसानों को जमीन से बेदखल कर रही है और आदिवासियों का राज्य-प्रायोजित जनसंहार कर रही है, हसदेव के जंगलों को उजाड़ने पर तुली है तथा देश की सार्वजनिक संपदा को अडानी-अंबानी को सौंप रही है। इस लूट के खिलाफ ही गांधीजी की लड़ाई थी और गांधी के सत्याग्रह के रास्ते पर चलकर ही इस लड़ाई को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांधीजी की हत्या करने वाली गोडसे की विचारधारा और आरएसएस-भाजपा की उस फूटपरस्त राजनीति को भी इस देश के किसान मात देंगे, जो यहां कृषि का कार्पोरेटीकरण करना चाहते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के लिए जिम्मेदार मंत्री अजय टेनी को बर्खास्त करने तथा हत्यारों को सजा देने की भी मांग की।

संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति की ओर से संजय पराते 94242-31650 द्वारा जारी

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Tuesday 8 August 2023

अनुशासन भंग आरोप में सुखरंजन नंदी माकपा से निष्कासित

Tuesday 8th August 2023 at 7:43 PM

छत्तीसगढ़ की वाम सियासत में फिर लिया गया सख्त एक्शन 

रायपुर> 8 अगस्त 2023> छत्तीसगढ़ मेल ब्यूरो>>

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की छत्तीसगढ़ राज्य समिति ने पार्टी के पूर्व राज्य समिति सदस्य सुखरंजन नंदी को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी राज्य समिति के इस फैसले का अनुमोदन पार्टी की केंद्रीय समिति ने भी कर दिया है।

माकपा राज्य सचिव एम के नंदी ने मीडिया को दी जानकारी में बताया है कि सुखरंजन नंदी पर पार्टी के अंदर गुटबाजी करने, जन संगठनों के समानांतर गतिविधियां आयोजित करने, सोशल मीडिया में पार्टी व नेतृत्व के खिलाफ दुष्प्रचार करने और संगठन का अनुशासन भंग करने का आरोप था। इन आरोपों को राज्य समिति ने सही पाया।

माकपा से निष्कासन के पश्चात भी सुखरंजन नंदी पार्टी नेता के रूप में बयान दे रहे हैं, जिसके लिए अब वे अधिकृत नहीं है। पार्टी ने इसकी आलोचना करते हुए मीडिया को स्पष्ट किया है कि अब सुखरंजन नंदी का माकपा से कोई संबंध नहीं है।

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Saturday 5 August 2023

छत्तीसगढ़ किसान सभा आंदोलन को तैयार

 Saturday: 5th  August 2023 at 8:48 PM

 11 को कुसमुंडा और 17 को गेवरा खदान-कार्यालय बंद का आह्वान

*कोल इंडिया के चेयरमैन को ज्ञापन सौंप भू-विस्थापितों की समस्याओं का निराकरण करने की मांग की


गेवरा (कोरबा): (छत्तीसगढ़): 5 अगस्त 2023: (कार्तिका सिंह//छत्तीसगढ़ मेल डेस्क):: 

सतर्क और जागरूक हुए किसानों का संघर्ष लगातार जारी है। दिल्ली मोर्चे पर सहमति बनने के बाद भी बहुत सी जगहों पर किसान अपनी मांगों को ले कर  निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। अब नए संघर्षों की खबरें आई हैं छत्तीसगढ़ से। वहां किसान पूरे जोश में हैं। 

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने आज कोल इंडिया के नए चेयरमैन पीएम प्रसाद को ज्ञापन सौंपकर भू-विस्थापितों की समस्याओं का निराकरण करने की मांग की है। किसान सभा ने 11 अगस्त को को कुसमुंडा और 17 अगस्त को गेवरा खदान-कार्यालय बंद करने के अपने आह्वान को पुनः दुहराया है।

उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में एसईसीएल के मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा, गेवरा और दीपका में रोजगार, बसावट तथा जमीन वापसी सहित मूलभूत सुविधाओं को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ मिलकर लगातार दो वर्षों से आंदोलनरत है। कोयला उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से चेयरमैन प्रसाद का इस प्रोजेक्ट में यह पहला दौरा था, जिसे एसईसीएल प्रबंधन ने सार्वजनिक नहीं किया था। लेकिन उनके दौरे की भनक लगते ही किसान सभा के नेतृत्व में गेवरा हाउस के सामने बड़ी संख्या में भू विस्थापित इकठ्ठा होकर दौरे का विरोध करने लगे। उनका कहना था कि कोयला उत्पादन बढ़ाने से पहले एसईसीएल प्रबंधन भू-विस्थापितों के समस्याओं का पहले निराकरण करें। भू-विस्थापितों बड़ी संख्या को देखते हुए सीआईएसएफ के जवानों ने गेस्ट हाउस के मुख्य द्वार को बंद कर दिया था। 

भू विस्थापितों के विरोध प्रदर्शन और कई बार खदान और कार्यालय के घेराव की जानकारी होते ही कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद और एसईसीएल के सीएमडी प्रेमसागर मिश्रा ने किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल को गेवरा हाउस में चर्चा के लिए बुलाया। किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में दीपक साहू, रेशम यादव, दामोदर श्याम, रघु यादव, जय कौशिक, सुमेन्द्र सिंह ठकराल, होरी, शिवदयाल कंवर, बसंत चौहान आदि शामिल थे। चेयरमैन प्रसाद ने गंभीरता से भू विस्थापितों की समस्याओं को सुना और जल्द निराकरण का आश्वासन दिया।

किसान सभा ने अपने ज्ञापन में इस तथ्य को रेखांकित किया है कि जिन किसानों ने 1978-2004 के बीच अपनी जमीन देकर देश-दुनिया को रोशन करने का काम किया है और कोरबा जिले को ऊर्जाधानी के रूप में पहचान दिलाई है, आज वही परिवार रोजगार के लिए भटक रहे हैं। किसान सभा ने मांग की है कि हर खाते पर सभी प्रभावितों को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए तथा खदान बंद हो जाने अथवा अनुपयोगी होने पर पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापस किया जाये। अपने ज्ञापन में किसान सभा ने पुनर्वास ग्रामों में बुनियादी सुविधाएं देने और भूविस्थापितों के बच्चो को निशुल्क शिक्षा और उनके परिवारों को एसईसीएल के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान किये जाने की भी मांग की है।

किसान सभा के सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि भू-विस्थापितों के सामने संघर्ष के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है और वे इन मांगों पर 11 अगस्त को कुसमुंडा और 17 अगस्त को गेवरा में खदान बंद और कार्यालयों का घेराव करने के अपने आह्वान पर डटे हुए हैं।

*छत्तीसगढ़ किसान सभा (CGKS)-अ. भा. किसान सभा - AIKS से संबद्ध हैं और जिला समिति कोरबा, छत्तीसगढ़ में सक्रिय है। 

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Sunday 10 April 2022

राम वन गमन पर्यटन परिपथ

 09 अप्रैल 2022

 कोरिया से सुकमा तक हर कदम में होंगे प्रभु राम के दर्शन 


रायपुर
:  09 अप्रैल 2022: (छत्तीसगढ़ मेल ब्यूरो)::

छत्तीसगढ़ प्रभु राम के ननिहाल के रूप में सम्पूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। वनवास काल में प्रभु राम ने यहाँ लम्बा वक्त बिताया। यहां के ऋषियों के आश्रम, प्रकृति के मध्य वनवास काटा, इसलिए यहाँ की जनश्रुतियों, लोककथाओं और आम जनजीवन में राम रचे-बसे हैं।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जनमान्यताओं का सम्मान करते हुए और भगवान प्रभु राम के ननिहाल प्राचीन दक्षिण कौशल और वर्तमान छत्तीसगढ़ में राम पथ वनगमन पर्यटन परिपथ की परियोजना तैयार की। इस परियोजना में राम वनगमन मार्ग से जुड़े धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों को सजाने, संवारने और इन्हें पर्यटन की दृष्टि से सुविधा सम्पन्न बनाने का काम हाथ में लिया गया है। ऐसी मान्यता है कि प्रभु श्रीराम के साथ माता सीता और लक्ष्मण ने वनवास काल 14 वर्षों में 10 साल छत्तीसगढ़ में बिताये थे। जिन जगहों पर प्रभु राम आए थे ऐसे 75 स्थानों को चिन्हांकित कर धार्मिक पर्यटन के अनुरूप विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।

शिवनाथ, जोंक और महानदी के त्रिवेणी संगम में स्थित शिवरीनारायण के मंदिर परिसर एवं आस-पास के क्षेत्रों को विकसित करने एवं पर्यटकों की सुविधाओं के लिए 39 करोड़ रूपए की कार्य योजना तैयार की गई है। जिसके प्रथम चरण में 6 करोड़ रूपए के कार्य का लोकार्पण 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल करने जा रहे हैं। इनमें शिवरीनारायण के मंदिर परिसर का उन्नयन एवं सौदर्यीकरण, दीप स्तंभ, रामायण इंटरप्रिटेशन सेन्टर एवं पर्यटक सूचना केन्द्र, मंदिर मार्ग पर भव्य प्रवेश द्वार, नदी घाट का विकास एवं सौंदर्यीकरण, घाट में प्रभु राम-लक्ष्मण और शबरी माता की प्रतिमा का निर्माण किया गया है। इसी प्रकार पचरी घाट में व्यू पाइंट कियोस्क, लैण्ड स्केपिंग कार्य, बाउंड्रीवाल, मॉड्यूलर शॉप, विशाल पार्किंग एरिया और सार्वजनिक शौचालय का निर्माण शामिल है।

राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत कोरिया से सुकमा तक के धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए 2260 किमी की लंबाई तक सड़क निर्माण भी प्रस्तावित है। इस मार्ग में छायादार और फलदार पौधों का रोपण वन विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत चिन्हांकित 75 स्थानों में से प्रथम चरण में चिन्हांकित 9 स्थलों को विकसित करने की परियोजना तैयार की गई है। इस पर्यटन परिपथ के पूर्ण होने से देश के विभिन्न हिस्सों से न केवल पर्यटक छत्तीसगढ़ आएगें, साथ ही छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से पर्यटकों का यहां आना-जाना लगा रहेगा। पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं रोजगार के नए अवसरों में भी वृद्धि होगी।

राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत प्रथम चरण में चिन्हांकित स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) 138 करोड़ रुपए की लागत से इन क्षेत्रों में पर्यटन के विकास का कार्य होगा। इन स्थानों में पर्यटन की दृष्टि से सौंदर्यीकरण एवं अन्य साज सज्जा के कार्य किए जाएंगे।

प्रभु राम के छत्तीसगढ़ में प्रवेश कोरिया जिले के सीतामढ़ी-हरचौका से हुआ था। यहां विभिन्न पर्यटक सुविधा के विकास के लिए तीन करोड़ 84 लाख दो हजार रूपए स्वीकृत किए हैं। कोरिया जिले के सीतामढ़ी के पास घाट पर कियोस्क निर्माण कार्य के लिए 66 लाख 21 हजार रूपए, सीतामढ़ी के पास बैठने की जगह और घाट के आस-पास पैदल मार्ग के साथ गजीबो निर्माण कार्य के एक करोड़ 42 लाख सात हजार रूपए एवं घाट विकास कार्य हेतु एक करोड़ 75 लाख 74 हजार रूपए स्वीकृत किए गए हैं।

सुकमा जिले के रामाराम छत्तीसगढ़ में प्रभुराम के वनवास काल का अंतिम पड़ाव है। यहां पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था एवं परिपथ निर्माण प्रस्तावित है। सिहावा में यात्रियों के ठहरने के लिए समरसता भवन, ऋषि आश्रम जीर्णाेद्धार का कार्य होगा। पेयजल सुविधा, गार्डन निर्माण, तालाब सौंदर्यीकरण, शौचालय, विश्रामगृह, नील नदी में स्टॉप डेम, अंडरग्राउंड नाली निर्माण का कार्य होगा। तुरतुरिया में कॉटेज बनाए जाएंगे, महानदी पर वाटरफ्रंट डेवलपमेंट और कॉटेज विकसित होंगे, बस्तर व दंतेवाड़ा के गीदम में जटायु द्वार, बारसूर में ट्राइबल कॉटेज बनाए जाने की योजना है।

Saturday 28 August 2021

रायपुर:अल्प बारिश में सोलर पंप बने फसलों के लिए संजीवनी

 ज़िले में कुल 7025 सोलर पंप स्थापित किये जा चुके है 


रायपुर
28 अगस्त 2021: (छत्तीसगढ़ मेल ब्यूरो)::

राज्य के कई इलाकों में अल्प वर्षा के चलते खरीफ फसलों को सूखने से बचाने में सोलर पंप संजीवनी साबित हो रहे है। सरकार की सौर सुजला योजना के अंतर्गत सुदूर ग्रामीण एवं वनांचल के किसानों के लिए क्रेडा द्वारा स्थापित सोलर पंप फसलों की सिंचाई के लिए भरपूर काम आ रहे हैं। सौर सुजला योजना लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए एक सफल योजना है। गरियाबंद जिले में सौर सुजला योजना के तहत अभी तक कुल 7025 सोलर पंप स्थापित किये जा चुके है। उल्लेखनीय है कि गरियाबंद जिले में सौर सुजला योजना के प्रथम चरण से लेकर चतुर्थ चरण तक 5860 सोलर पंपों की स्थापना की गई है। सोलर पंपों की स्थापना की दृष्टि से गरियाबंद जिला अग्रणी है। जिले में सौर सुजला योजना के पंचम चरण में 2000 पंप स्थापना के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 1235 पंप स्थापित किये जा चुके है। शेष पंपों की स्थापना का काम जारी है।

सौर सुजला योजना के तहत विद्युतविहीन एवं दूरस्थ ग्रामों के किसानों को कृषि कार्य हेतु 95 प्रतिशत तक अनुदान में 3.5 लाख से 4.5 लाख रूपये लागत मूल्य के सोलर पंपों को मात्र 10 हज़ार से 21 हजार रूपये में प्रदान किया जा रहा है। पहले किसानों के पास सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं होने पर वे पूर्ण रूप से फसलों की सिंचाई के लिये वर्षा पर निर्भर रहते थे। बारिश नहीं होने या अल्प वर्षा की स्थिति में किसानों की फसल खराब हो जाती  थी, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान होता था। वर्तमान में सौर सुजला योजना ने किसानों को काफी राहत दी है। इस योजना से स्थापित सोलर पंप के कारण अब किसानों को  बारिश पर निर्भर नहीं होना पडता है तथा सिचाई की सुविधा मिल जाने से अब पैदावार  भी बेहतर होने लगी है। सौर सुजला योजना के तहत लाभान्वित किसानों की आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार आ रहा है।

विकासखण्ड मैनपुर के ग्राम पथर्री के किसान श्री श्रवण सिंह, जयराम नेताम, धनसिंग नेताम ने बताया कि सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं होने से बमुश्किल खरीफ फसलों की खेती कर पाते थे । आज स्थिति यह है कि खरीफ साथ-साथ अब वह रबी फसलों की भी खेती करने लगे हैं। इससे उनकी आमदनी बढ़ी है। जीवन स्तर में बदलाव आया है। इसी तरह विकासखण्ड देवभोग के ग्राम कुम्हडईकला के किसान श्री शेषमल गिरिराज एवं श्री तुलसीदास पात्रा पहले सिंचाई साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण कृषि जमीन होते हुये भी फसल नहीं ले पा रहे थे, पर सौर सुजला ने उनकी सिंचाई समस्या खत्म कर दी है। अब वह  अपनी जमीन पर सब्जी की भरपूर खेती करने लगे हैं। सोलर पंप लगाने से उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हुई है।

बिलासपुर : कोरोना काल संकट में मनरेगा बना सहारा

  मनरेगा रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है 


बिलासपुर
: 28 अगस्त 2021: (छत्तीसगढ़ मेल ब्यूरो)::

कोरोना महामारी के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में लॉकडाउन हो गया, चाहे कोरोना संक्रमण का प्रथम चरण हो या दूसरा चरण दोनों ही समय में देश भर में लॉकडाउन होने से व्यावसायिक और आर्थिक गतिविधियों पर व्यापक प्रभाव देखा गया बहुत सी औद्योेगिक ईकाईयां बंद हो गयी अथवा इनमें उत्पादन प्रभावित हुआ। देश के बड़े-बड़े शहरों से छोटे-छोटे व्यवसाय या मजदूरी करने वाले श्रमिक अपने-अपने गांवों की ओर लौटने लगे इससे छत्तीसगढ़ राज्य के प्रवासी श्रमिक भी बहुत अधिक मात्रा में प्रभावित हुए। 

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर देश के अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ के फंसे श्रमिकों को विशेष ट्रेनों और बसों के माध्यम से लाया गया उन्हें मनरेगा के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया गया। कोरोना संकट काल की सबसे बड़ी चुनौती थी कि किस प्रकार सुरक्षात्मक उपायों का पालन करते हुए समूह में रोजगार उपलब्ध कराने वाले कार्य जारी रखे जाये. पूरे प्रदेश भर के गांव-गांव में कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का पालन किया गया। मनरेगा को आजीविका के साथ ही परिसंपत्तियों और सार्वजनिक सुविधाओं का माध्यम बनाया गया। मनरेगा के कार्याें में छत्तीसगढ़ उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा जॉब कार्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है। 

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मनरेगा में लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए संबंधित विभागों के शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों तथा पंचायत प्रतिनिधियों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि कोविड 19 के चलते लॉकडाउन के बावजूद मनरेगा के अंतर्गत तत्परता से शुरू हुए कार्याें से ग्रामीणों और प्रवासी मजदूरों को अपने गांव घरों मंे बड़ी संख्या के सीधे रोजगार मिला. मनरेगा के अंतर्गत विषम परिस्थितियों के बावजूद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

मनरेगा के अंतर्गत सामुदायिक एवं व्यक्तिमूलक संवर्धन के कार्याें के तहत् जल संरक्षण के साथ कृषि, उद्यानिकी और पशुपालन से जुड़ी अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए विविधि परिसंपत्तियों का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश के सभी विकासखण्डों में निजी डबरी, कुंआ, भूमि सुधार, तालाब निर्माण, गौठान निर्माण, पशु शेड निर्माण, चारागाह निर्माण, शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण, व्यक्तिमूलक फलदार वृक्षारोपण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, हितग्राहियों के लिए बकरी शेड, मुर्गी शेड, महिला समूह के माध्यम से नर्सरी में पौध निर्माण, सिंचाई के लिए नाली निर्माण, बोल्डर डेम, चेक डेम, गोवियन निर्माण तथा महिला समूह के लिए वर्क शेड निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्य कराये जा रहे है।

मनरेगा कार्यस्थलों पर कोरोना से बचाव और आवश्यक सावधानियों के बारे में भी श्रमिकों को नियमित रूप से जागरूक किया जा रहा है। देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रदेश् भर के ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए मनरेगा के अंतर्गत प्रदेश भर में व्यापक स्तर पर काम शुरू किये गये है. इन कार्याें से प्रतिदिन 22 लाख से 25 लाख जॉब कार्ड धारियों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है।