Monday 9 December 2013

जीत का जोश पर साथ ही काम का पूरा होश

 छत्तीसगढ़: प्राचार्यो की बैठक आगामी 13 और 16 दिसंबर को
बैकुण्ठपुर, 09 दिसम्बर 2013: (छत्तीसगढ़ मेल): काम के प्रति गंभीर रहने वाले डा रमन  सिंह जीत के इस अवसर पर भी पूरी तरह गंभीर बने हुए हैं। जीत के परिणाम आने पर भी छतीसगढ़ में डा रमन सिंह सरकार पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को नहीं भूली। शिक्षा और अन्य महत्वपूर्व क्षेत्रों की सरगर्मियां और तेज़ कर दी गयी हैं। जिले के बैकुण्ठपुर, सोनहत व खड़गवां विकासखण्ड के सभी शासकीय हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों के प्राचार्यो की बैठक आगामी 13 दिसंबर को आयोजित की गयी है। यह बैठक बैकुण्ठपुर के शासकीय रामानुज उच्चतर माध्यमिक  स्कूलों में पूर्वान्ह 11 बजे से आयोजित की जाएगी। इसी तरह आगामी 16 दिसंबर को मनेन्द्रगढ़ व भरतपुर विकासखण्ड के प्राचार्यो की बैठक शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्दालय मनेन्द्रगढ़ में आयोजित की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी कोरिया श्री आर.एस.चौहान ने सभी प्राचार्यो से गत वर्ष की उपलब्धियों व आगामी वर्ष की कार्ययोजना के साथ बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के निर्देष दिए है। इन बैठकों में शिक्षा को और बेहतर बनाने की विचार होगी और साथ ही पिछली कारगुज़ारी की समीक्षा भी की जायेगी। यह सिलसिला उन लोगों के लिए एक सबक है जो जीत के नशे में अपनी ज़िम्मेदारियों को भूल जाते हैं।

इस बार भी 12 दिसंबर को शपथ लेंगें डाकटर रमन सिंह


भाजपा:नए निशाने नया जोश
रायपुर, 09 दिसंबर 2013: (छतीसगढ़ मेल): छतीसगढ़ विधान सभा चुनावों में लगातार तीसरी बार जीत का सेहरा लेने वाले मुख्यमंत्री डाकटर रमन सिंह ने दल बल सहित शपथ ग्रहण समारोह कि तैयारियां शुरू कर दी हैं। राजकीय सूत्रों के मुताबिक इस बार भाजपा विधायक दल के नव-निर्वाचित नेता डॉ. रमन सिंह का शपथ ग्रहण समारोह गुरूवार 12 दिसम्बर को सवेरे लगभग ग्यारह बजे राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में आयोजित किया जाएगा। 
गौरतलब है कि डॉ. सिंह को आज प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल का सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया। डॉ. रमन सिंह तीसरी बार आम जनता के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। उल्लेखनीय है उनका पहला शपथ ग्रहण समारोह 07 दिसम्बर 2003 को और दूसरा शपथ ग्रहण समारोह 12 दिसम्बर 2008 को आयोजित किया गया था। यह भी एक अच्छा संयोग है कि इस बार भी डॉ. रमन सिंह बारह दिसम्बर को ही प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं।

सम्मान से मनाया जायेगा महान योद्धा वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस

10 दिसम्बर के ही दिन भरे चौक में दिया गया था सरेआम मृत्यु दण्ड 
रायपुर: 09 दिसंबर 2013: (छत्तीसगढ़ मेल)::
जीत  भी लगातार तीसरी बार-----इस तरह की जीत के जश्न में लोग अक्सर बहुत कुछ भूल जाते हैं लेकन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह देश की अज़ादी के लिए शहीद होने वाले वीर नारायण सिंह  भूले। उन्होंने ने कल दस दिसम्बर को छत्तीसगढ़ के महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीरनारायण सिंह के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने उनके शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर आज यहां जनता के नाम जारी संदेश में कहा है कि सोनाखान के महान योद्धा वीर नारायण सिंह भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी के अनमोल रत्नों में से थे, जिन्होंने सन 1856 के भयानक अकाल के समय गांव, गरीब और किसानों के दर्द को महसूस कर सोनाखान क्षेत्र की पीड़ित जनता की मदद के लिए एक सम्पन्न व्यापारी 
स्केच देशबंधू से साभार
के अनाज भण्डार को खुलवाकर गरीबों में अनाज का वितरण करवाया था। अपनी माटी के मान-मर्यादा की रक्षा तथा वहां रहने वाले लोगों की खुशहाली के लिए छत्तीसगढ़ के शहीद वीर नारायण सिंह का योगदान अविस्मरणीय है। ऐसे वीर सपूत के त्याग, संघर्ष व बलिदान को आत्मसात करते हुए शासन सभी वर्गो के उत्थान सहित चहुंमुखी विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वीर नारायण सिंह ने छत्तीसगढ़ में प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का शंखनाद किया और देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। डॉ. सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में वीरनारायण सिंह का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है, जो देश और दुनिया को युगों-युगों तक सामाजिक न्याय, समानता और स्वतंत्रता के महत्व की याद दिलाता रहेगा। ज्ञातव्य है कि अमर शहीद वीर नारायण सिंह को अंग्रेज हुकुमत ने दस दिसम्बर 1857 को राजधानी रायपुर के वर्तमान जयस्तंभ चौक पर सार्वजनिक रूप से मृत्यु दण्ड दिया था। वीर नारायण सिंह देश की आजादी के लिए शहीद हुए।