Wednesday, 6 November 2024

‘छत्तीसगढ़ या सबसे बढ़िया’

उप राष्ट्रपति सचिवालय//Posted On: 06 NOV 2024 at 8:55 PM by PIB Delhi//Azadi ka Amrit Mahotsav//Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ राज्य महोत्सव के समापन समारोह में उपराष्ट्रपति के संबोधन का पाठ


सभी को नमस्कार,

सभी समानित पुरस्कार विजेताओं को बधाई, छत्तीसगढ़ में छत्तीससमान, अद्भुत, जिनको देखा ऊर्जा मिली है मुझे। सबसे पहले मैं आप सभी को छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस और राज्य उत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

जब शताब्दी ने पलटी खाई छत्तीसगढ़ का उदय हुआ था और यह यात्रा यहां तक आ गई है, बहुत-बहुत शुभकामनाएं। कहते हैं, ‘छत्तीसगढ़ या सबसे बढ़िया’ - यह पुरानी कहावत है जो आज भी कानों में गूंजती है। यह छत्तीसगढ़ का प्रतिबिम्ब है और आज यहां आप सब इस कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं, साबित कर रहे हैं।

इस समापन समारोह में आकर मेरा मन गौरव से भर गया है। यह महोत्सव मातृभूमि की गरिमा का प्रतीक बन गया है, छत्तीसगढ़ की पावन धरती पर यह हो रहा है, यहां की समृद्ध संस्कृतिक विरासत का जीवन्त दस्तावेज़ है। आज के पावन दिवस पर हमारा संकल्प होना चाहिए कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है, राष्ट्रवाद के प्रति हम सदैव समर्पित रहेंगे, हर पल हमें बोध होना चाहिए कि हम सभी भारतीय हैं, भारतीयता हमारी पहचान है, हमें इस पर गौरव है, इसपर आंच नहीं आने देंगे।

सन 2000 में इस राज्य को एक विशिष्ट पहचान मिली, इस अवसर पर जैसा पहले कहा गया है, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रतन श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद नहीं करेंगे तो बड़ी चूक हो जाएगी, अटल जी की याद तो सदा आती है, देश हित और राष्ट्र हित पर अटल जी सदैव अटल रहते थे और मानवीय भावनाओं पर बेहद मुलायम, मुझे याद है 1990 का वो कालखंड, केन्द्रीय मंत्री के रूप में मैं यूरोप गया था, एक संसदीय दल का नेतृत्व कर रहा था, मेरा परम सौभाग्य था कि उस दल में सम्मानीय अटल बिहारी वाजपेयी थे, कितना ज्ञान मुझे उस समय मिला, उन्होंने तीन नए राजे छत्तीसगढ़, उत्तराखंड एवं झारखंड इस देश को भेंट दिए।

राजनीति में कैसी सरजरी की, किसी को दर्द नहीं हुआ, किसी को पीड़ा नहीं हुई, सहज तरीके से ये संभव हो गया, आज मैं उनको नमन करता हूँ। आपने एक बहुत बड़ी मिसाल कायम की है, माननीय मुख्य मंत्री जी, आपने पड़ोसी राज्य के मुख्य मंत्री को बुलाकर एक बड़ा मापदंड हासिल किया है। मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री, यहां मुख्य अतिति के रूप में जब उद्धाटन करते हैं तो हमें याद आता है कि अटलजी ने जो कारीगरी की, उसमें कहीं दर्द नहीं था, भाईपन था, भाईचारा था।

अगले साल, क्योंकि शताब्दी के शुरुवात में आपका उदय हुआ था, अगले साल, छत्तीसगढ़ अपने स्वर्ण युग में प्रवेश करेगा, इसका सुखद समन्वय भारत के अमृत काल के साथ हो रहा है। काल के चक्र के साथ जब हम आगे बढ़ते हैं, तब हमें हमारे गौरवपूर्ण और गरिमाई विरासत को नहीं भूलना चाहिए, ये मौका है, ये अवसर है, हमारे जननायकों एवं महापुरुषों को याद करना, उनका चिरंतन करना, उनका सुमिरन करना।

आज जब हम अमृत काल मना रहे हैं, मुझे इस बात का गर्व है, आपको भी है, जिन लोगों ने आजादी में योगदान दिया, उनको दूर-दूर जाकर हम नमन कर रहे हैं, उनको पहचान रहे हैं, उन्होंने जो देश के लिए किया, हम सब नतमस्तक हो रहे हैं और बदलाव देखिए, कितना सार्थक है, कितना गहरा है। 

******//JK/RC/SM//(Release ID: 2071350) 

Monday, 5 February 2024

कोरबा: अब जरूरत के समय किसी से पैसा मांगने की नहीं आएगी नौबत

 महतारी वंदन योजना से महिलाओं में उत्साह का माहौल 


कोरबा: 05 फरवरी 2024: (के के सिंह//मीडिया लिंक//छतीसगढ़ मेल डेस्क)::

सदियों पहले भी कहा जाता था--मांगन गया सो मर गया--मांगन मूल न जा! सचमुच मांगना मौत के सामान ही तो होता है। इसके बावजूद पारिवारिक संकट और ज़िम्मेदारियां किसी न किसी के सामने हाथ पसारने के लिए मजबूर कर देती हैं। इन मजबूर हाथों को आज़ाद किया है मोदी सरकार ने। मोदी  नीतियां छत्तीसगढ़  गांवों तक भी  शहरों  तक भी। पूरी कहानी बहुत दिलचस्प है। 

आओ चलते हैं पूरी बात जानने छत्तीसगढ़ के खूबसूरत ज़िले कोरबा में। कोरबा जिला को 25 मई सन 1998 में प्रभावी पूर्ण राजस्व जिले का दर्जा प्राप्त हुआ| जिसका मुख्यालय कोरबा शहर में है, जो कि हसदेव और अहिरन नदी के संगम के किनारे स्थित है। कोरबा छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी भी है । कोरबा जिला बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आता है। कोरबा जिला मुख्यालय राजधानी रायपुर से लगभग 200 किलोमीटर दुरी पर स्थित है। यहां की महिलाएं भी काफी सक्रिय हैं। 

महिलाओं की सक्रियता के कारण समाजिक उत्थान भी हो रहा है। महिलाओं की सक्रियता  हुए सरकार ने भी महिलाओं को  पांवों पर खड़ा करने के लिए कई  तरह की योजनाएं बनाई हैं। इनका फायदा भी महिला वर्ग तक पहुंच  रहा है। 

छत्तीसगढ़ राज्य में कोरबा जिला उत्तर की ओर स्थित है जो, कोरिया,सरगुजा,बिलासपुर,जांजगीर,रायगढ़ जिलों से घिरा हुआ है। कोरबा जिला मुख्यालय राजधानी रायपुर से लगभग 200 किलोमीटर दुरी पर स्तिथ है। कोरबा जिले का कुल क्षेत्रफल 7,14,544 हेक्टेयर है जिसमें से 2,83,497 हेक्टेयर वन भूमि है,जो की कुल क्षेत्रफल का लगभग 40 प्रतिशत है। 

मोदी की गारंटी के तहत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आज से महतारी वंदन योजना से आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रतिमाह एक हजार रुपए और साल में 12 हजार महिलाओं के खाते में अंतरित करने के साथ उन्हें आर्थिक मदद पहुंचाने की इस पहल से महिलाओं में एक अलग ही उत्साह का वातावरण है। उनका कहना है कि सरकार की इस योजना से हमें अब अपनी छोटी-छोटी जरूरतों में किसी के पास पैसा मांगने की आवश्यकता नहीं होगी। मीडिया ने  में महिला वर्ग से भी बात की। 

कोरबा जिले के कोरबा विकासखंड अंतर्गत ग्राम दोन्दरो की श्रीमती सुषमा देवांगन ने बताया कि हमने सोचा भी नहीं था कि महिलाओं के लिए ऐसी योजनाएं शुरू की जाएगी जिसमें हर माह एक हजार रुपए  राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम घर चलातीं हैं और अक्सर अपनी बचत के पैसे को भी घर के जरूरी सामानों के लिए खर्च कर देतीं हैं। होता यह है कि हमारी पारिवारिक जेब भी खाली हो जाती है और व्यक्तिगत। इसलिए सरकारी सहायता हमारे लिए बहुत अच्छी खबर की तरह आई है। सरकार से एक हजार रुपए मिलने से हम अपने आवश्यकताओं के लिए पैसे का इंतजाम कर पाएंगी।

इसी संबंध में ग्राम पताढ़ी की कविता यादव ने बताया कि महतारी वंदन योजना बहुत अच्छी योजना है। वह भी इसका आवेदन करेंगी। उन्होंने बताया कि मेरी जैसी अनेक महिलाओं को इस योजना से लाभ मिलेगा। यह योजना हमें आर्थिक रुप से मज़बूत बनाएगी। हम अपनी छोटी-छोटी आवश्यकताओं को पूरा कर पाएंगी। 

इस योजना को लेकर ग्राम बेन्दरकोना की श्रीमती सुलोचना बाई ने बताया कि हम इस योजना के प्रारंभ होने का इंतजार कर रहे थे। अब यह योजना शुरू हो गई है। आज से फॉर्म भराया जा रहा है। जल्द ही यह प्रक्रिया भी पूरी  हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि हम महिलाओं के लिए एक-एक रुपये का महत्व होता है। कई बार एक-एक रुपये बचा कर कुछ पैसे बचत करतीं हैं। सरकार द्वारा एक माह में एक हजार रुपये और साल में 12 हजार रूपए दिए जाने से महिलाओं को सक्षम बनने के साथ बहुत राहत मिलेगी। 

इसे एक शानदार पहल बताते हुए ग्राम गोढ़ी की ललिता बाई भी बहुत खुश थी। वह भी महतारी वंदन योजनांतर्गत आवेदन करने शिविर में आई हुई थीं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आज से आवेदन लेने की जानकारी मिली है, इसलिए वह भी ऑनलाइन आवेदन करने अपना जरूरी दस्तावेज इकट्ठा कर रहीं हैं। उन्होंने भी इस योजना से महिलाओं को लाभ मिलने और सशक्तिकरण होने की बात कही।

अब बात करते हैं नियमों और विधिविधान की। इस मकसद के लिए पात्रता की शर्तें इस प्रकार हैं:

महतारी वंदन योजना के लिए निर्धारित पात्रता शर्ताे में महिला को छत्तीसगढ़ का निवासी होना जरूरी है। इसके अलावा जिस वर्ष आवेदन किया जा रहा है उस वर्ष विवाहित महिला की आयु 01 जनवरी 2024 में 21 वर्ष से कम नही होनी चाहिए। योजना के अंतर्गत विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्त महिला भी पात्र होंगी। 

महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रत्येक पात्र महिला को 1000 रूपए की प्रतिमाह के मान से साल में 12 हजार रूपए की राशि डी.बी.टी के माध्यम से उनके बैंक खातों में हस्तांतरण किया जाएगा। विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत लाभान्वित होने वाली ऐसी महिलाएं जिन्हे प्रतिमाह 1000 रूपए से कम राशि मिल रही है, उन्हें योजना के लिए पात्र होने पर अतिरिक्त राशि स्वीकृत की जाएगी, जिससे उन्हें अधिकतम 1000 रूपए मासिक राशि प्राप्त हो सकेगी।

अब आनलाइन आवेदन हेतु पोर्टल एवं एप्प की भी बात कर लें:

महतारी वंदन योजना के लिए आवेदन निःशुल्क होगा। इस योजना के लिए ऑनलाइन भरने के लिए पोर्टल  https://www.mahtarivandan.cgstate.gov.in पर आवेदन करना होगा। इसके अलावा योजना के लिए बनाए गए मोबाईल एप्प पर भी आवेदन जमा किया जा सकता है। योजना के लिए आवेदन 05 फरवरी से लिए जाएंगे। आवेदन भरने की अंतिम तिथि 20 फरवरी 2024 होगी।

ये दस्तावेज़ जमा करना होगा-

आवेदन करते समय हितग्राहियों को स्वयं का सत्यापित किया हुआ पासपोर्ट साइज की फोटो, स्थानीय निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र में से कोई भी एक, स्वयं एवं पति का आधार कार्ड, स्वयं एवं पति का पैन कार्ड (यदि हो तो), विवाह का प्रमाण पत्र, ग्राम पंचायत व स्थानीय निकायों द्वारा जारी प्रमाण पत्र, विधवा होने की स्थिति में पति का मृत्यु प्रमाण पत्र, परित्यक्ता होने की स्थिति में समाज द्वारा जारी वार्ड अथवा ग्राम पंचायत द्वारा जारी प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र हेतु 10 अथवा 12 की अंकसूची, स्थानांतरण प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, परिचय पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई एक, बैंक खाते का विवरण एवं बैंक पासबुक की छायाप्रति तथा स्व-घोषणा अथवा शपथ पत्र जमा कराना होगा।  इस तरह यह सारी प्रक्रिया पूरी होते ही सबंधित महिला इस लाभ की पात्र बन जाएगी। 

आपको सरकार की यह पहल कैसी लगी अवश्य बताएं। आपके विचारों की इंतज़ार रहेगी ही। महिला उत्थान अर्थात पूरे समाज का उत्थान।  

Friday, 19 January 2024

छत्तीसगढ़ नारायणपुर के बूझमाड़ की रीना पोटाई की किस्मत जागी

स्वरोजगार स्थापित करने हेतु मिला 50 हजार रुपए

नारायणपुर: 19 जनवरी 2024: (के.के. सिंह-मीडिया लिंक//छत्तीसगढ़ मेल डेस्क):: 

लगन भी हो, प्रतिभा भी हो, इरादा भी हो और कौशल भी हो तो भी बहुत बार बिना धन के बात नहीं बनती। लक्ष्मी की कृपा से ही पूरे हैं सभी काम। अगर धन पास न हो तो सभी कुछ धरा धराया रह जाता है। छत्तीसगढ़ में रीना पोटाई की किस्मत धन जागी। 

किस्मत को कोसने से तो क्या  होता है। रीना भी किसी इंतज़ार में थी। आखिर कभी तो हालात करवट लेंगें! आखिर ुसकता खबर पहुंची जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति की। इस समिति द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ावर्ग समुदाय के शिक्षित बेरोजगारों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इस समिति के पास इस तरह की कई योजनाएं हैं। 

इनमें वर्गवार योजनायें अनुसूचित जनजाति हेतु ट्रेक्टर ट्राली, स्मॉल बिजनेस, आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना, गुड्स कैरियर, टर्मलोन ऋण, स्व सहायता समूह (माइको क्रेडिट योजना), आदिवासी स्वरोजगार योजना, अनुसूचित जाति हेतु अंत्योदय स्वरोजगार योजना और पिछड़ा वर्ग हेतु टर्मलोन का ऋण शामिल हैं। इस तरह के अवसर सचमुच किस्मत बदल देते हैं। 

बस इन्हीं योजनाओं के अंतर्गत नारायणपुर में आयोजित प्रधानमंत्री जनमन योजना कार्यक्रम में अबूझमाड़ के ग्राम बेचा की रीना पोटाई को अंत्यावसायी योजना के तहत् 50 हजार रुपए की राशि चेक के माध्यम से प्रदान की गई।रीना की ज़िन्दगी में यह एक ऐतिहासिक मोड़ था। 

इस अवसर के मिलते ही रीना भी उत्साह में आ गई। रीना ने इस मौके पर बताया कि इस राशि का उपयोग वह अपने ब्यूटी पार्लर को संचालित कर अपनी आय में वृद्धि करने के लिए करेगी। पचास हज़ार रुपए का चैक पा कर उसे लगने लगा कि दुनिया मुट्ठी में की जा सकती है। 

अबुझमाड़ क्षेत्र में रीना पोटाई ब्यूटी पार्लर संचालित करने वाली पहली महिला बनने वाली थी। रीना ने अपने माता पिता को सख्त म्हणत करते थ। उसने बताया कि मेरे माता पिता कृषि कार्य करते हैं। मैं 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद आगे की पढ़ाई करने में कामयाब नहीं हो सकी। ज़िन्दगी के झमेले और घर परिवार की ज़िम्मेदारियां इसी तरह कई बार प्रगति के रास्ते में रुकावटें बन जाती हैं। 

 इन रुकावटों को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा ज़िला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के माध्यम से 50 हजार रूपये का ऋण प्रदाय किया गया है। अबुझमाड़ क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगारों के लिए रीना पोटाई प्रेरणाश्रोत बन गई है। इसके ब्यूटी पार्लर स्वरोजगार स्थापित होने से क्षेत्र के हितग्राहियों को छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर अपने जीवन को नई दिशा में ले जाने के लिए एक संकेत मिला है।

इस योजना के तहत् लाभ प्रदाय करने के लिए रीना ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित की है। लेकिन अभी और भी बहुत से ज़रूरतमंद लोग बाकी हैं जो  सुअवसरों की राह देख रहे हैं। उन तक भी  मां लक्ष्मी की कृपा जल्द पहुंचनी चाहिए। 

Monday, 15 January 2024

रोजगार के लिए कुसमुंडा जीएम कार्यालय पर ग्रामीणों ने किया कब्जा

Monday 15th January 2024 at 5:10 PM *छत्तीसगढ़ किसान सभा (CGKS)* AIKS से संबद्ध)* *जिला समिति कोरबा, छत्तीसगढ़*

 किसान सभा ने कहा:जारी रहेगा आंदोलन 


कोरबा
:15 जनवरी 2024: (*संजय पराते//छत्तीसगढ़ मेल)::

लंबित  रोजगार प्रकरणों को निराकृत करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में खनन प्रभावित ग्रामीणों ने आज कुसमुंडा जीएम कार्यालय के अंदर कब्जा कर लिया तथा धरना में बैठ गए। इस आंदोलन में महिलाएं भारी संख्या में शामिल हैं। आंदोलनकारी ग्रामीणों ने दोपहर का भोजन भी पंगत में बैठकर कार्यालय के अंदर ही किया। भू-विस्थापितों का कब्जा आंदोलन शुरू हो गया है। जीएम कार्यालय के अंदर गलियारे में ही भू-विस्थापितों ने पंगत में बैठकर भोजन किया। ग्रामीणों और भूविस्थापितों के इस तरह प्रदर्शन से कोयला प्रबंधन और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। आंदोलनकारियों को समझाने का काम चल रहा है, लेकिन वे कार्यालय छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि अब उन्हें आश्वासन नहीं, कार्यवाही चाहिए और प्रत्येक खातेदार को रोजगार मिलने तक ग्रामीण और भूविस्थापित कार्यालय के अंदर ही बैठे रहेंगे।
 
उल्लेखनीय है कि कोयला उत्खनन के लिए इस क्षेत्र में स्थाई नौकरी देने और बुनियादी मानवीय सुविधाओं के साथ पुनर्वास देने के वादे के साथ 40-50 वर्ष पहले हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था, लेकिन एसईसीएल ने यह वादा पूरा नहीं किया। तब से लेकर आज तक ग्रामीण रोजगार और पुनर्वास के लिए भटक रहे हैं। कुसमुंडा कार्यालय के सामने 800 दिनों से उनका अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है, खदान बंदी से लेकर चक्का जाम और कार्यालय बंदी तक कई जुझारू आंदोलन हुए हैं, लेकिन हर बार प्रबंधन द्वारा उन्हें आज या कल तक कार्यवाही का आश्वासन ही मिला है। 

किसान सभा नेता का कहना है कि जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है। सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्से को छीन लिया है। इसलिए जमीन के बदले पैसा और ठेका नहीं, छोटे-बड़े सभी खातेदार को स्थाई नौकरी देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है और इसके खिलाफ आंदोलन और तेज किया जाएगा।

भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव, रघु यादव, सुमेन्द्र सिंह कंवर ठकराल आदि ने कहा कि भू विस्थापितों को जमीन के बदले बिना किसी शर्त के रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। 

जीएम कार्यालय में घुसने से पहले आंदोलनकारियों ने दो घंटे तक खदान बंद रखा। मोहन यादव, बृजमोहन, जय कौशिक, दीननाथ, फिरत लाल, उत्तम दास, जितेंद्र, होरीलाल, अनिल बिंझवार, हेमलाल, हरिहर पटेल, कृष्णा, फणींद्र, अनिरुद्ध, चंद्रशेखर, गणेश, सनत आदि इसका नेतृृत्व कर रहे थे।

देर शाम को इन पंक्तियों के लिखे जाने तक कोयला प्रबंधन के साथ दो दौर की वार्ता विफल हो चुकी है और आंदोलनकारी बिलासपुर से उच्चाधिकारियों को बुलाने और लिखित में समझौता करने की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान सभा की अगुआई में जीएम कार्यालय पर ग्रामीणों का कब्जा बना हुआ है और रात के खाने की तैयारी चल रही है।

इस प्रेस विज्ञप्ति को छत्तीसगढ़ किसान सभा, कोरबा अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा ने जारी किया। 

*संजय पराते छत्तीसगढ़ के सक्रिय और जुझारू कार्यकर्ता होने के साथ साथ वाम नज़रिए से पैनी नज़र रखने वाले पत्रकार भी हैं। 

Tuesday, 3 October 2023

किसान विरोधी नीतियों चलते किसान फिर केंद्र सरकार से हुए नाराज़

Monday 2nd October 2023 at 10:29 PM 

राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ भी किसानों का रोष तीखा हुआ 

*गांधी जयंती पर 10 संगठनों के सैकड़ों किसानों ने 30 किमी. की पदयात्रा की

*गांधी प्रतिमा पर न्याय के लिए संघर्ष तेज करने का लिया संकल्प भी दोहराया 


रायपुर: 2 अक्तूबर 2023: (छत्तीसगढ़ मेल डेस्क)::

महात्मा गांधी की हत्या करने वाली विचारधारा को मानने वालों ने कभी सोचा न होगा कि शहादत के 75 बरस बाद भी महात्मा गांधी जी के विचार देश के जन आंदोलनों को तेज़ करने में अहम भूमिका निभाएंगे। 

*किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 10 संगठनों के सैकड़ों किसानों ने 30 किमी. की पदयात्रा की, गांधी प्रतिमा पर न्याय के लिए संघर्ष तेज करने का लिया संकल्प*

केन्द्र की भाजपा सरकार की किसान व विरोधी नीतियों और राज्य की कांग्रेस सरकार की किसानों से वादाखिलाफी से आक्रोशित सैकड़ों किसानों ने आज संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर नई राजधानी से आजाद चौक तक 30 किमी. की पदयात्रा की तथा गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करके न्याय के लिए किसानों के संघर्ष को तेज करने का संकल्प लिया।

उल्लेखनीय है कि पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर पर किसानों का साझा आंदोलन विकसित हो रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सकल लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का कानून बनाने, किसानों को पूरी तरह कर्जमुक्त करने की केंद्रीय मांग के साथ ही राज्य के किसानों की ज्वलंत समस्याओं पर किसानों को संगठित करके एक व्यापक आंदोलन छेड़ने जा रहा है। रायपुर में आज किसान मोर्चा की इस पदयात्रा के जरिये नई राजधानी से प्रभावित किसानों की पुनर्वास तथा रोजगार से जुड़ी मांगों को पूरा करने के साथ ही पिछली भाजपा सरकार द्वारा दो साल के रोके गए बोनस का भुगतान करने की मांग की गई है।

संयुक्त किसान मोर्चा की विज्ञप्ति के अनुसार इस पदयात्रा में छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, नई राजधानी प्रभावित किसान संघर्ष समिति, जिला किसान संघ राजनांदगांव तथा बालोद, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, छमुमो (मजदूर-किसान कार्यकर्ता समिति), क्रांतिकारी किसान सभा, किसान महासभा, भारतीय किसान यूनियन, मजदूर-किसान महासंघ बिलासपुर, हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति तथा अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा आदि संगठनों के सैकड़ों किसानों ने नई राजधानी से रायपुर में आजाद चौक स्थित गांधी प्रतिमा तक पदयात्रा की। इस पदयात्रा का नेतृत्व रूपन चंद्राकर, कामता प्रसाद रात्रे, सुदेश टीकम, रमाकांत बंजारे, गेंद सिंह ठाकुर, पूर्व विधायक जनकलाल ठाकुर, कलादास डहरिया, सौरा यादव, तुहिन देव, हेमंत टंडन, नरोत्तम शर्मा, श्याम मूरत कौशिक, आलोक शुक्ला तथा संजय पराते ने आदि ने किया।

पदयात्रा से पूर्व ग्राम चीचा तथा समापन स्थल गांधी प्रतिमा पर हुई संक्षिप्त सभा में वक्ताओं ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गांधीजी ने गोरे अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। आज लड़ाई उन काले चोरों और कॉर्पोरेटपरस्त सरकार के खिलाफ है, जो जल, जंगल, जमीन, खनिज और प्राकृतिक संसाधनों को लूटने के लिए किसानों को जमीन से बेदखल कर रही है और आदिवासियों का राज्य-प्रायोजित जनसंहार कर रही है, हसदेव के जंगलों को उजाड़ने पर तुली है तथा देश की सार्वजनिक संपदा को अडानी-अंबानी को सौंप रही है। इस लूट के खिलाफ ही गांधीजी की लड़ाई थी और गांधी के सत्याग्रह के रास्ते पर चलकर ही इस लड़ाई को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांधीजी की हत्या करने वाली गोडसे की विचारधारा और आरएसएस-भाजपा की उस फूटपरस्त राजनीति को भी इस देश के किसान मात देंगे, जो यहां कृषि का कार्पोरेटीकरण करना चाहते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के लिए जिम्मेदार मंत्री अजय टेनी को बर्खास्त करने तथा हत्यारों को सजा देने की भी मांग की।

संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति की ओर से संजय पराते 94242-31650 द्वारा जारी

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Tuesday, 8 August 2023

अनुशासन भंग आरोप में सुखरंजन नंदी माकपा से निष्कासित

Tuesday 8th August 2023 at 7:43 PM

छत्तीसगढ़ की वाम सियासत में फिर लिया गया सख्त एक्शन 

रायपुर> 8 अगस्त 2023> छत्तीसगढ़ मेल ब्यूरो>>

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की छत्तीसगढ़ राज्य समिति ने पार्टी के पूर्व राज्य समिति सदस्य सुखरंजन नंदी को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी राज्य समिति के इस फैसले का अनुमोदन पार्टी की केंद्रीय समिति ने भी कर दिया है।

माकपा राज्य सचिव एम के नंदी ने मीडिया को दी जानकारी में बताया है कि सुखरंजन नंदी पर पार्टी के अंदर गुटबाजी करने, जन संगठनों के समानांतर गतिविधियां आयोजित करने, सोशल मीडिया में पार्टी व नेतृत्व के खिलाफ दुष्प्रचार करने और संगठन का अनुशासन भंग करने का आरोप था। इन आरोपों को राज्य समिति ने सही पाया।

माकपा से निष्कासन के पश्चात भी सुखरंजन नंदी पार्टी नेता के रूप में बयान दे रहे हैं, जिसके लिए अब वे अधिकृत नहीं है। पार्टी ने इसकी आलोचना करते हुए मीडिया को स्पष्ट किया है कि अब सुखरंजन नंदी का माकपा से कोई संबंध नहीं है।

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Saturday, 5 August 2023

छत्तीसगढ़ किसान सभा आंदोलन को तैयार

 Saturday: 5th  August 2023 at 8:48 PM

 11 को कुसमुंडा और 17 को गेवरा खदान-कार्यालय बंद का आह्वान

*कोल इंडिया के चेयरमैन को ज्ञापन सौंप भू-विस्थापितों की समस्याओं का निराकरण करने की मांग की


गेवरा (कोरबा): (छत्तीसगढ़): 5 अगस्त 2023: (कार्तिका सिंह//छत्तीसगढ़ मेल डेस्क):: 

सतर्क और जागरूक हुए किसानों का संघर्ष लगातार जारी है। दिल्ली मोर्चे पर सहमति बनने के बाद भी बहुत सी जगहों पर किसान अपनी मांगों को ले कर  निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। अब नए संघर्षों की खबरें आई हैं छत्तीसगढ़ से। वहां किसान पूरे जोश में हैं। 

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने आज कोल इंडिया के नए चेयरमैन पीएम प्रसाद को ज्ञापन सौंपकर भू-विस्थापितों की समस्याओं का निराकरण करने की मांग की है। किसान सभा ने 11 अगस्त को को कुसमुंडा और 17 अगस्त को गेवरा खदान-कार्यालय बंद करने के अपने आह्वान को पुनः दुहराया है।

उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में एसईसीएल के मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा, गेवरा और दीपका में रोजगार, बसावट तथा जमीन वापसी सहित मूलभूत सुविधाओं को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ मिलकर लगातार दो वर्षों से आंदोलनरत है। कोयला उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से चेयरमैन प्रसाद का इस प्रोजेक्ट में यह पहला दौरा था, जिसे एसईसीएल प्रबंधन ने सार्वजनिक नहीं किया था। लेकिन उनके दौरे की भनक लगते ही किसान सभा के नेतृत्व में गेवरा हाउस के सामने बड़ी संख्या में भू विस्थापित इकठ्ठा होकर दौरे का विरोध करने लगे। उनका कहना था कि कोयला उत्पादन बढ़ाने से पहले एसईसीएल प्रबंधन भू-विस्थापितों के समस्याओं का पहले निराकरण करें। भू-विस्थापितों बड़ी संख्या को देखते हुए सीआईएसएफ के जवानों ने गेस्ट हाउस के मुख्य द्वार को बंद कर दिया था। 

भू विस्थापितों के विरोध प्रदर्शन और कई बार खदान और कार्यालय के घेराव की जानकारी होते ही कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद और एसईसीएल के सीएमडी प्रेमसागर मिश्रा ने किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल को गेवरा हाउस में चर्चा के लिए बुलाया। किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में दीपक साहू, रेशम यादव, दामोदर श्याम, रघु यादव, जय कौशिक, सुमेन्द्र सिंह ठकराल, होरी, शिवदयाल कंवर, बसंत चौहान आदि शामिल थे। चेयरमैन प्रसाद ने गंभीरता से भू विस्थापितों की समस्याओं को सुना और जल्द निराकरण का आश्वासन दिया।

किसान सभा ने अपने ज्ञापन में इस तथ्य को रेखांकित किया है कि जिन किसानों ने 1978-2004 के बीच अपनी जमीन देकर देश-दुनिया को रोशन करने का काम किया है और कोरबा जिले को ऊर्जाधानी के रूप में पहचान दिलाई है, आज वही परिवार रोजगार के लिए भटक रहे हैं। किसान सभा ने मांग की है कि हर खाते पर सभी प्रभावितों को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए तथा खदान बंद हो जाने अथवा अनुपयोगी होने पर पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापस किया जाये। अपने ज्ञापन में किसान सभा ने पुनर्वास ग्रामों में बुनियादी सुविधाएं देने और भूविस्थापितों के बच्चो को निशुल्क शिक्षा और उनके परिवारों को एसईसीएल के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान किये जाने की भी मांग की है।

किसान सभा के सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि भू-विस्थापितों के सामने संघर्ष के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है और वे इन मांगों पर 11 अगस्त को कुसमुंडा और 17 अगस्त को गेवरा में खदान बंद और कार्यालयों का घेराव करने के अपने आह्वान पर डटे हुए हैं।

*छत्तीसगढ़ किसान सभा (CGKS)-अ. भा. किसान सभा - AIKS से संबद्ध हैं और जिला समिति कोरबा, छत्तीसगढ़ में सक्रिय है। 

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