Friday, 19 January 2024

छत्तीसगढ़ नारायणपुर के बूझमाड़ की रीना पोटाई की किस्मत जागी

स्वरोजगार स्थापित करने हेतु मिला 50 हजार रुपए

नारायणपुर: 19 जनवरी 2024: (के.के. सिंह-मीडिया लिंक//छत्तीसगढ़ मेल डेस्क):: 

लगन भी हो, प्रतिभा भी हो, इरादा भी हो और कौशल भी हो तो भी बहुत बार बिना धन के बात नहीं बनती। लक्ष्मी की कृपा से ही पूरे हैं सभी काम। अगर धन पास न हो तो सभी कुछ धरा धराया रह जाता है। छत्तीसगढ़ में रीना पोटाई की किस्मत धन जागी। 

किस्मत को कोसने से तो क्या  होता है। रीना भी किसी इंतज़ार में थी। आखिर कभी तो हालात करवट लेंगें! आखिर ुसकता खबर पहुंची जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति की। इस समिति द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ावर्ग समुदाय के शिक्षित बेरोजगारों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इस समिति के पास इस तरह की कई योजनाएं हैं। 

इनमें वर्गवार योजनायें अनुसूचित जनजाति हेतु ट्रेक्टर ट्राली, स्मॉल बिजनेस, आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना, गुड्स कैरियर, टर्मलोन ऋण, स्व सहायता समूह (माइको क्रेडिट योजना), आदिवासी स्वरोजगार योजना, अनुसूचित जाति हेतु अंत्योदय स्वरोजगार योजना और पिछड़ा वर्ग हेतु टर्मलोन का ऋण शामिल हैं। इस तरह के अवसर सचमुच किस्मत बदल देते हैं। 

बस इन्हीं योजनाओं के अंतर्गत नारायणपुर में आयोजित प्रधानमंत्री जनमन योजना कार्यक्रम में अबूझमाड़ के ग्राम बेचा की रीना पोटाई को अंत्यावसायी योजना के तहत् 50 हजार रुपए की राशि चेक के माध्यम से प्रदान की गई।रीना की ज़िन्दगी में यह एक ऐतिहासिक मोड़ था। 

इस अवसर के मिलते ही रीना भी उत्साह में आ गई। रीना ने इस मौके पर बताया कि इस राशि का उपयोग वह अपने ब्यूटी पार्लर को संचालित कर अपनी आय में वृद्धि करने के लिए करेगी। पचास हज़ार रुपए का चैक पा कर उसे लगने लगा कि दुनिया मुट्ठी में की जा सकती है। 

अबुझमाड़ क्षेत्र में रीना पोटाई ब्यूटी पार्लर संचालित करने वाली पहली महिला बनने वाली थी। रीना ने अपने माता पिता को सख्त म्हणत करते थ। उसने बताया कि मेरे माता पिता कृषि कार्य करते हैं। मैं 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद आगे की पढ़ाई करने में कामयाब नहीं हो सकी। ज़िन्दगी के झमेले और घर परिवार की ज़िम्मेदारियां इसी तरह कई बार प्रगति के रास्ते में रुकावटें बन जाती हैं। 

 इन रुकावटों को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा ज़िला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के माध्यम से 50 हजार रूपये का ऋण प्रदाय किया गया है। अबुझमाड़ क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगारों के लिए रीना पोटाई प्रेरणाश्रोत बन गई है। इसके ब्यूटी पार्लर स्वरोजगार स्थापित होने से क्षेत्र के हितग्राहियों को छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर अपने जीवन को नई दिशा में ले जाने के लिए एक संकेत मिला है।

इस योजना के तहत् लाभ प्रदाय करने के लिए रीना ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित की है। लेकिन अभी और भी बहुत से ज़रूरतमंद लोग बाकी हैं जो  सुअवसरों की राह देख रहे हैं। उन तक भी  मां लक्ष्मी की कृपा जल्द पहुंचनी चाहिए। 

Monday, 15 January 2024

रोजगार के लिए कुसमुंडा जीएम कार्यालय पर ग्रामीणों ने किया कब्जा

Monday 15th January 2024 at 5:10 PM *छत्तीसगढ़ किसान सभा (CGKS)* AIKS से संबद्ध)* *जिला समिति कोरबा, छत्तीसगढ़*

 किसान सभा ने कहा:जारी रहेगा आंदोलन 


कोरबा
:15 जनवरी 2024: (*संजय पराते//छत्तीसगढ़ मेल)::

लंबित  रोजगार प्रकरणों को निराकृत करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में खनन प्रभावित ग्रामीणों ने आज कुसमुंडा जीएम कार्यालय के अंदर कब्जा कर लिया तथा धरना में बैठ गए। इस आंदोलन में महिलाएं भारी संख्या में शामिल हैं। आंदोलनकारी ग्रामीणों ने दोपहर का भोजन भी पंगत में बैठकर कार्यालय के अंदर ही किया। भू-विस्थापितों का कब्जा आंदोलन शुरू हो गया है। जीएम कार्यालय के अंदर गलियारे में ही भू-विस्थापितों ने पंगत में बैठकर भोजन किया। ग्रामीणों और भूविस्थापितों के इस तरह प्रदर्शन से कोयला प्रबंधन और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। आंदोलनकारियों को समझाने का काम चल रहा है, लेकिन वे कार्यालय छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि अब उन्हें आश्वासन नहीं, कार्यवाही चाहिए और प्रत्येक खातेदार को रोजगार मिलने तक ग्रामीण और भूविस्थापित कार्यालय के अंदर ही बैठे रहेंगे।
 
उल्लेखनीय है कि कोयला उत्खनन के लिए इस क्षेत्र में स्थाई नौकरी देने और बुनियादी मानवीय सुविधाओं के साथ पुनर्वास देने के वादे के साथ 40-50 वर्ष पहले हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था, लेकिन एसईसीएल ने यह वादा पूरा नहीं किया। तब से लेकर आज तक ग्रामीण रोजगार और पुनर्वास के लिए भटक रहे हैं। कुसमुंडा कार्यालय के सामने 800 दिनों से उनका अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है, खदान बंदी से लेकर चक्का जाम और कार्यालय बंदी तक कई जुझारू आंदोलन हुए हैं, लेकिन हर बार प्रबंधन द्वारा उन्हें आज या कल तक कार्यवाही का आश्वासन ही मिला है। 

किसान सभा नेता का कहना है कि जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है। सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्से को छीन लिया है। इसलिए जमीन के बदले पैसा और ठेका नहीं, छोटे-बड़े सभी खातेदार को स्थाई नौकरी देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है और इसके खिलाफ आंदोलन और तेज किया जाएगा।

भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव, रघु यादव, सुमेन्द्र सिंह कंवर ठकराल आदि ने कहा कि भू विस्थापितों को जमीन के बदले बिना किसी शर्त के रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। 

जीएम कार्यालय में घुसने से पहले आंदोलनकारियों ने दो घंटे तक खदान बंद रखा। मोहन यादव, बृजमोहन, जय कौशिक, दीननाथ, फिरत लाल, उत्तम दास, जितेंद्र, होरीलाल, अनिल बिंझवार, हेमलाल, हरिहर पटेल, कृष्णा, फणींद्र, अनिरुद्ध, चंद्रशेखर, गणेश, सनत आदि इसका नेतृृत्व कर रहे थे।

देर शाम को इन पंक्तियों के लिखे जाने तक कोयला प्रबंधन के साथ दो दौर की वार्ता विफल हो चुकी है और आंदोलनकारी बिलासपुर से उच्चाधिकारियों को बुलाने और लिखित में समझौता करने की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान सभा की अगुआई में जीएम कार्यालय पर ग्रामीणों का कब्जा बना हुआ है और रात के खाने की तैयारी चल रही है।

इस प्रेस विज्ञप्ति को छत्तीसगढ़ किसान सभा, कोरबा अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा ने जारी किया। 

*संजय पराते छत्तीसगढ़ के सक्रिय और जुझारू कार्यकर्ता होने के साथ साथ वाम नज़रिए से पैनी नज़र रखने वाले पत्रकार भी हैं।